भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लंबे समय से आम जनता के लिए चिंता का विषय रही हैं। लेकिन अब उम्मीद की किरण नजर आ रही है, क्योंकि केंद्र सरकार इन्हें GST (Goods and Services Tax) के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ₹20 प्रति लीटर तक की गिरावट संभव है, यानी जनता को ₹75/लीटर में ईंधन मिल सकता है।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है, जिससे संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार अब राज्यों के सहयोग से इस दिशा में ठोस कदम उठाने को तैयार है।
वर्तमान में कैसे तय होती है पेट्रोल-डीजल की कीमत?
आज भारत में पेट्रोल और डीजल पर कई प्रकार के टैक्स लगाए जाते हैं:
- एक्साइज ड्यूटी (केंद्र सरकार द्वारा)
- VAT (राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग दरों पर)
- डीलर कमीशन और अन्य शुल्क
इन टैक्सों के चलते एक लीटर पेट्रोल पर लगभग ₹35 तक अतिरिक्त बोझ पड़ता है। उदाहरण के लिए, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होती है, तब भी देश में रेट बहुत कम नहीं होते क्योंकि टैक्स स्ट्रक्चर भारी होता है।
GST में आने से क्या होगा बदलाव?
यदि पेट्रोल-डीजल को GST के तहत लाया जाता है, तो केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर एक ही टैक्स लगाएंगी, जिससे:
- दाम में सीधे ₹15-₹20 प्रति लीटर की कटौती संभव है
- देश भर में एक समान दर पर ईंधन उपलब्ध होगा
- टैक्स स्ट्रक्चर सरल और पारदर्शी बनेगा
- लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को मिलेगा बड़ा फायदा
- महंगाई पर भी असर पड़ेगा क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन सस्ता होगा
पेट्रोल-डीजल पर GST का संभावित गणित
मान लीजिए अगर पेट्रोल-डीजल पर 28% GST लगता है (जैसे लग्जरी आइटम्स पर लगता है), तब भी वर्तमान टैक्स स्ट्रक्चर से यह काफी सस्ता होगा। उदाहरण:
करंट सिस्टम | अनुमानित GST के तहत |
---|---|
पेट्रोल रेट: ₹95-100 | ₹75-80 (28% GST सहित) |
टैक्स: ₹35-40/लीटर | ₹15-20/लीटर |
फर्क: ₹15-₹20 सस्ता |
वित्त मंत्री ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को GST के तहत लाने को तैयार है, लेकिन इसके लिए राज्यों की सहमति आवश्यक है। GST काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया है और अगर राज्यों की रजामंदी मिलती है तो जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है।
आम जनता को क्या होगा फायदा?
- हर महीने 1000-1500 रुपये तक की बचत संभव है
- ट्रांसपोर्ट सस्ता होने से किराए और सामानों की कीमतों में गिरावट
- लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बड़ी राहत
- महंगाई दर में भी आएगी कमी
निष्कर्ष (Conclusion)
अगर केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने का फैसला करती हैं, तो देशभर के लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा। इससे न सिर्फ ईंधन सस्ता होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अब देखना ये है कि राज्य सरकारें इस कदम को कितनी जल्दी मंजूरी देती हैं। अगर सब कुछ सही रहा, तो जल्द ही पेट्रोल और डीजल ₹75 प्रति लीटर मिल सकते हैं।